महाराष्ट्र में दत्तात्रेय, नवनाथों के तंत्र-मंत्र-यंत्र का विशेष प्रभाव दिखाई देता है और महाराष्ट्र की मुख्य विद्या शाबर मंत्र विद्या है । यहां पर ग्रामीण मंत्र विद्या भी अपना विशेष स्थान रखता है, ग्रामीण शाबर मंत्रो का अपना एक विलक्षण प्रभाव है । यहां पर सबसे ज्यादा वनवासी विद्या को तिष्ण माना जाता है और ऐसे विद्या के जानकारों से अच्छी मित्रता महत्वपूर्ण होती है । यहा प्राचीन समय के तंत्राचार्यों ने कइ सारी विद्याओं को प्रगट किया एक विद्या का हम यहां उल्लेख करेंगे जैसे “नऊ गुणि विद्या” यह विद्या जालिन्दरनाथ जी के परम शिष्य कानिफनाथ जी से संबंधित है,कौल मार्ग के प्रमुख गुरु परंपरा में कानिफ नाथजी का स्थान महत्वपूर्ण है ।
आज हम जिस विद्या के विषय मे बात करने वाले है,यह अपने आप मे कामधेनु समान, सरल-सुगम, विलक्षण, प्रभावी, बेजोड़ है । जिसे हमारे यहा नऊ गुणि विद्या कहा जाता है,इस विद्या की विशेषता यह है कि यह जल्दी सिद्ध जागृत हो जाती है,ग्रहण काल मे बस एक 1 माला जाप से नऊ गुणि विद्या मंत्र सिद्ध हो जाता है,यह मंत्र ग्रहण में जो साधक नही कर सकते उन्हें कुछ दिनों तक जाप करने माध्यम से सिद्ध हो जाता है । जून माह में चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण आनेवाला है,यह ग्रहण भारत मे दृश्य और पूर्ण प्रभावी है,इस ग्रहण का हमे अवश्य ही लाभ उठाना चाहिए । यह शाबर मंत्र दिखने में छोटा मंत्र है परंतु इसमें बड़े बड़े काम करने की अद्भुत क्षमता है । इस छोटे से मंत्र को सिर्फ 108 बार बोलकर आखिर में अपना इच्छीत कार्य जो है वह बोल दे जैसे शान्ति कर्म,कार्यसिद्धि के लिए, सम्मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, विद्वेषण, सांप का जहर झाड़ना, किसी का रोग दुःख-दर्द दूर करना इत्यादि…वैसे इस मंत्र की गोपनीयता के बारे में भी आपको बताया जाएगा ।
यह विद्या बैठे जगह से 36 कोस मतलब 450 किलोमीटर के आस पास तक अपना पूर्ण प्रभाव दिखाती है और इसके आगे का काम करना हो तो कुछ समय में काम करता है. यह मंत्र अपने आपमे एक तेजपुंज है जो अपनी तेजस्विता से सभी कार्यो को पूर्ण करता है, इस अद्वितीय मंत्र को प्राप्त करके आप स्वयं ही अपने मनचाहे कार्य को सिद्ध कर सकते है परंतु किसी भी प्रकार का अनैतिक कार्य ना करे अन्यथा विश्वास के साथ कहेता हु बुरे काम करने से नुकसान होगा । आप जितने अच्छे काम करेंगे उतना ही मंत्र ओर ज्यादा प्रभावी होता रहेगा और आपके काम भी अधिक गति से पूर्ण होते जाएंगे,यह इस विद्या की खासियत है ।