शहद के फायदे, नुकसान और प्रयोग
मधु या शहद (Honey) एक मीठा, चिपचिपाहट वाला अर्ध तरल पदार्थ है जो मधुमक्खियों द्वारा पौधों के पुष्पों में स्थित मकरन्दकोशों से स्रावित मधुरस से तैयार किया जाता है और आहार के रूप में मौनगृह में संग्रह किया जाता है।
Everything you need to know about Honey
शहद में जो मीठापन होता है वो मुख्यतः ग्लूकोज़ और एकलशर्करा फ्रक्टोज के कारण होता है।
शहद एक पौष्टिक आहार के साथ-साथ उत्तम आयुर्वेदिक औषधि भी है शहद स्वयं तो औषधि है ही, कई औषधियों में यह अनुपान के रूप में भी प्रयुक्त होता है।
शहद में पोषक तत्व और विटामिन (Honey Nutrition Information Hindi)
एक किलोग्राम शहद से लगभग 5500 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। एक किलोग्राम शहद से 65 अण्डों, 13 कि.ग्रा. दूध 8 कि.ग्रा. प्लम, 19 कि.ग्रा. हरे मटर, 13 कि.ग्रा. सेब व 20 कि.ग्रा. गाजर के बराबर ऊर्जा मिलती है।
शहद ज़रूरी पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिन का भंडार है। शहद में मुख्य रुप में फ्रक्टोज पाया जाता है। इसके अलावा एन्जाइम, अमीनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट्स, आयोडीन, और लोहा, तांबा, मैंगजीन, पोटेशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, विटामिन ए, बी -2, बी 3, बी 5, बी 6 बी 12 तथा अल्पमात्रा में विटामिन सी, और विटामिन ‘के’ भी पाया जाता है।
बाजार में विभिन्न शहद कंपनी (Honey Market in India)
भारत के बाजार में कई शहद कंपनी मौजूद है। जिसमे डाबर, पतंजलि, हमदर्द, हिमालय, झंडू, सफोला, मार्कफेड सोहना, नेचर्स नेक्टर आदि प्रमुख है।
हर कंपनी शुद्ध शहद होने का 100% दावा करती हैं परन्तु फिर भी इसकी शुद्धता को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है।
आपका शहद कितना शुद्ध है? (How Pure is your Honey)
सेंटर फॉर सांइस एंड एनवायरनमेंट (C.S.E) के शोध के अनुसार बाजार में बिक रहे बड़ी-बड़ी कम्पनियों के शहद में प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) की मात्रा अंतर्राष्ट्रीय मानकों से दोगुनी पायी गयी है।
ऐसे शहद को अगर लगातार खाया जाता है तो हमारे शरीर के एंटी बायटिक के प्रति प्रतिरोध बनने का खतरा हो जाएगा और बिना जरूरत के इन प्रतिजैविक पदार्थों के शरीर में जाने से जो साइड इफैक्ट्स होंगे वो भी खतरनाक होंगे।
सीएसई के खाद्य शोधार्थियों ने भारतीय बाजार में बिकने वाले 13 शीर्ष और छोटे ब्रांड वाले प्रोसेस्ड शहद के नमूनों को सबसे पहले गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) में स्थित सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (CALF) में जांचा गया। इसमे कुछ ब्रांड को छोड़कर सभी शीर्ष ब्रांड शुद्धता के परीक्षण में पास हो गए। जो ब्रांड इस परीक्षण में फेल हुए, उनमें सी3 और सी4 शुगर पाया गया, यह शुगर चावल और गन्ने के हैं।
लेकिन जब इन्हें जर्मनी के न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (NMR) परीक्षण पर परखा गया तो 13 ब्रांड्स में से सिर्फ 3 (सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर) सभी परीक्षणों में पास हो पाए।
मिलावट करने वाले शहद में एक प्रकार का सुगर सिरप मिला देती हैं। ये सिरप इस तरह से बनाया जाता है कि जांच में पकड़ा ना जाए। इस वजह से जब भारत में इसका परीक्षण होता है, तो वो आसानी से उसमें पास हो जाते हैं।
शुद्ध शहद की पहचान कैसे करें ? (How to check honey purity)
आइये इस लेख में जानें शुद्ध शहद की पहचान कैसे करें।
- शुद्ध शहद को किसी बर्तन में धार बना कर छोड़ें। यदि वह सांप की तरह कुंडली बना कर गिरे तो असली है और बर्तन में फैल जाये तो नकली है।
- शुद्ध शहद में भीनी खुशबू रहती है और वह सर्दी में जम जाता है तथा गरमी में पिघल जाता है।
- शहद को पानी के गिलास में डालें। अगर शुद्ध शहद है तो वह गांठ का रूप ले लेगी और अगर अशुद्ध है तो वह पानी में घुल जाएगी।
- गरम करने पर शहद यदि गाढ़ा हो जाये तो उसे असली मानना चाहिए, पर यदि उसमें बबल्स उठने शुरु हो जाएं तो शहद अशुद्ध है।
- रूई की बत्ती बनाकर शहद में भिगोकर जलाएं यदि बत्ती जलती रहे तो शहद शुद्ध है।
- शहद असली होने पर मक्खी शहद में नही डूबेगी।
- शुद्ध शहद को कागज अथवा कपड़े पर डालने से निशान नहीं आता है।
- शुद्ध शहद को कुत्ते के समक्ष डाला जायेगा तो वह इसे नहीं खायेगा ।
विभिन्न वृक्षों पर लगे शहद के गुण (Honey From Different Trees)
- नीम के वृक्ष पर लगे शहद का उपयोग आँखों के लिए लाभदायक होता है ।
- जामुन के वृक्ष पर लगे शहद का उपयोग मधुमेह के लिए लाभदायक होता है ।
- सहजने के वृक्ष पर लगे शहद का उपयोग हृदय, वात तथा रक्तचाप के लिए लाभदायक होता है।