द्वादश भावों में शुक्र का फल

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।
✨भाव अनुसार फल ✨
👉. लग्न (प्रथम) में शुक्र हो तो जातक सुन्दरदेही, दीर्घायु राजप्रिय, कामी, उच्चसरकारी पद पर आसीन, विलासी, भोगी, विद्वान, प्रवासी, मधुरभाषी, प्रसिद्ध सुखी एवं ऐश्वर्यवान होता है।
👉. द्वितीयभाव में शुक्र हो तो जातक भाग्यवान, साहसी, समयज्ञ, मिष्टान्नमोजी, यशस्वी, लोकप्रिय, जौहरी, दीर्घजीवी, कवि, कुटुम्बयुक्त, सुखी एवं धनवान् होता है।
👉. तृतीय भाव में शुक्र हो तो जातक विद्वान्, कलाकार,, आलसी, कृपण, धनी, सुखी, पराक्रमी, भाग्यवान्, बहने भाईयों से अधिक एवं पर्यटनशील होता है।
👉. चतुर्थ भाव में शुक्र हो तो जातक बलवान्, परोपकारी, सुन्दर, व्यवहार कुशल, विलासी, दीर्घायु, पुत्रवान्, भाग्यवान्, सुखी, दानी, वाहनों का स्वामी एव आस्तिक होता है।
👉. पंचम भाव में शुक्र हो तो जातक विद्वान्, प्रतिभाशाली, वक्ता, कवि, पुत्रवान्, लाभयुक्त, व्यवसायी, शत्रुनाशक, उदार, दानी, सद्गुणी न्यायवान एवं आस्तिक होता है।
👉. पष्ठभाव में शुक हो तो जातक मितव्ययी, शत्रुनाशक स्त्रीप्रिय स्त्रीसुखहीन,बहुमित्रवान, वैभवहीन दुराचारी मूत्ररोगी दुखी एवं गुप्तरोगी होता है।
👉. सप्तमभाव में शुक्र हो तो जातक लोकप्रिय, धनिक, चिन्तित, विवाह के बाद भाग्योदय, साधुप्रेमी, स्त्री से सुख, कामी, भाग्यवान् गानप्रिय, विलासी, अल्पव्यभिचारी चंचल एवं उदार होता है।
👉. अष्टम भाव में शुक्र हो तो जातक ज्योतिषी, क्रोधी, मनस्वी, दुखी, गुप्तरोगी, पर्यटनशील, परस्त्रीरत, विदेशवासी, निर्दयी, गुप्तविद्याओं के प्रतिरुचि एवं रोगी होता है।
👉. नवम भाव में शुक्र हो तो जातक धर्मात्मा, राजप्रिय, पवित्रतीर्थ यात्राओं का कर्ता, दयालु, प्रेमी, गृहसुखी, गुणी, चतुर एवं आस्तिक होता है।
👉. दशम भाव में शुक्र हो तो जातक गुणवान्, दायालु, विलासी, ऐश्वर्यवान्, भाग्यवान्, न्यायवान् विजयी, गानप्रिय, धार्मिक ज्योतिषी एवं लोभी होता है।
👉. ग्यारहवें भाव में शुक्र हो तो जातक परोपकारी, लोकप्रिय, जौहरी, विलासी, वाहनसुखी, स्थिरलक्ष्मीवान्, धनवान् गुणज्ञ, कामी एवं पुत्रवान् होता है।
👉. बारहवें भाव में शुक्र होतो जातक धनवान्, परस्त्रीरत, बहुभोजी, शत्रुनाशक, मितव्ययी, आलसी, पतित, धातुविकारी, स्थूल एवं न्यायशील होता है।