द्वादश भावों में बुध का फल

ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है अर्थात ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देता है। यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल, केतु, शनि राहु, सूर्य) की संगति में अशुभ फल देता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। कन्या इसकी उच्च राशि भी है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है। 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। हिन्दू ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक माना जाता है। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं। बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित है।
👉 लग्न (प्रथम) में बुध हो तो जातक आस्तिक, गणितज्ञ, दीर्घायु, उदार-विनोदी, वैद्य, विद्वान, स्त्रीप्रिय, मितव्ययी एवं मिष्टभाषी होता है।
👉 द्वितीयभाव में बुध हो तो जातक सुखी, सुन्दर, वक्ता, साहसी, सत्कार्यकारक, संग्रही, दलाल या वकील का पेशा करने वाला, मिष्टाभभोजी, गुणी एवं मितव्ययी होता है।
👉 तृतीयभाव में बुध हो तो जातक सद्गुणी, कार्यदक्ष, परिश्रमी, मित्रप्रेमी, भीरू, धर्मात्मा, यात्राशील, व्यवसायी, चंचल, अल्पभ्रातृवान्, विलासी, सन्ततिवान्, कवि, सम्पादक, सामुद्रिकशास्त्र का ज्ञाता एवं लेखक होता है।
👉 चतुर्थभाव में बुध हो तो जातक पण्डित भाग्यवान् नीतिवान्, नीतिज्ञ, लेखक, विद्वान्, बन्धुप्रेमी, उदार, गतिप्रिय, आलसी स्थूलदेही, वाहनसुखी एवं दानी होता है।
👉 पंचमभाव में बुध हो तो जातक उद्यमी, विद्वान्, कवि, प्रसन्न कुशाग्रबुद्धि, गण्य-मान्य, सुखी, वाद्यप्रिय एवं सदाचारी होता है।
👉 षष्ठभाव में बुध हो तो जातक विवेकी, कलहप्रिय, वादी, रोगी, आलसी, अभिमानी, परिश्रमी, कामी, दुर्बल एवं स्त्रीप्रिय होता है।
👉 सातवेंभाव में बुध हो तो जातक सुन्दर, विद्वान्, कुलीन, व्यवसायकुशल, धनी, लेखक, सम्पादक, उदार, सुखी, अल्पवीर्य, दीर्घायु एवं धार्मिक होता है।
👉 अष्टमभाव में बुध हो तो जातक दीर्घायु, अभिमानी, राजमान्य, कृषक, लब्धप्रतिष्ठ, मानसिक दुखी, कवि, वक्ता, न्यायाधीश, मनस्वी, धनवान् एवं धर्मात्मा होता है।
👉 नवमभाव में बुध हो तो जातक विद्वान् लेखक, ज्योतिषी, धर्मभीरु, व्यवसाय प्रिय, भाग्यवान्, सम्पादक, गवैया, कवि एवं सदाचारी होता है।
👉 दशमभाव में बुध हो तो जातक सत्यवादी, मनस्वी, व्यवहार कुशल, लोकमान्य, विद्वान्, लेखक, कवि जमींदार, मातृ-पितृ भक्त, राजमान्य, न्यायी एवं भाग्यवान् होता है।
👉 ग्यारहवें भाव में बुध हो तो जातक ईमानदार, सुन्दर, पुत्रवान्, सरदार, गायनप्रिय, विद्वान्, प्रसिद्ध, धनवान, सदाचारी, योगी, दीर्घायु, शत्रुनाशक एवं विचारवान् होता है।
👉 बारहवे भाव में बुध हो तो जातक अल्पभाषी, विद्वान्, आलसी धर्मात्मा वकील, सुन्दर वेदान्ती, लेखक दानी एवं शास्त्रज्ञ होता है।